Motivation
October 01, 2019
लक्ष्य
अपने लक्ष्य बनाना और हासिल करना
जीवन लक्ष्य :-
YOUR GOAL IS THE GUARANTEE OF YOUR SUCCESS |
दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से हम ये जानने का प्रयास करेंगे कि, हमारे जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी होता है। अगर मनुष्य के जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है, उसे ये पता ही नहीं है कि उसे जाना कहा है, उसे अपने जीवन में क्या हासिल करना है , तो उसका जीना व्यर्थ है। तो आइये हम ये बात करते है कि जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी होता है ?
दोस्तों जीवन के रास्तों पर चलते हुए अपनी हमेशा आँखे अपने लक्ष्य पर जमाये रहें। आम पर ध्यान दें, गुठली पर नहीं। अज्ञात ज्ञान आपको मंजिल तक पहुंचने में मदद करता है, बशर्ते कि आपको अपनी मंजिल का पता हो।
प्राचीन भारत में एक ऋषि अपने शिष्यों को तीरंदाजी की कला सीखा रहे थे। उन्होंने लक्ष्य के रूप में एक लकड़ी की चिड़िया रखी और अपने शिष्यों से उस चिड़िया की आँख पर निशाना लगाने को कहा। उन्होंने पहले शिष्य से पूछा, "तुम्हे क्या दिखाई दे रहा है"? शिष्य ने कहा, "मैं पेड़ , टहनियाँ , पत्ते , आकाश , चिड़िया , और उसकी आँख देख रहा हूँ।"
ऋषि ने उस शिष्य को इन्तजार करने को कहा। तब उन्होंने दूसरे शिष्य से भी वही सवाल किया , तो दूसरे शिष्य ने जवाब दिया , "मुझे सिर्फ चिड़िया की आँख दिखाई दे रही है।" तब ऋषि ने कहा , "बहुत अच्छा , अब तीर चलाओ। " तीर सीधा जाकर चिड़िया की आँख में लगा।
दोस्तों अगर हम अपने मकसद पर ध्यान नहीं लगायेगें तो हम अपने लक्ष्य को कभी भी हासिल नहीं कर पाएंगे।
अपने मकसद पर ध्यान लगाना एक मुश्किल काम है, मगर यह एक कला है , जिसे सीखा जा सकता है।
अपनी नजर हमेशा लक्ष्य पर रखें
KEEP YOUR EYES UPON THE GOAL
4 जुलाई , 1952 को फ्लोरंस कैटलिना चैनल को तैर कर पार करने वाली पहली महिला बनने वाली थी। वह इंग्लिश चैनल को पहले ही पर कर चुकी थी। सारी दुनिया की निगाहें उन पर टिकी थीं। चैडविक ने घने कोहरे , हड्डियों तक कपकपांने वाली ठण्ड और कई बार शार्क मछलियों का मुकाबला किया। वह किनारे पर पहुंचने का प्रयास कर रही थी। लेकिन उसने अपने चश्मे से जब भी देखा , उसे घना कोहरा ही दिखाई दिया। किनारा न दिखाई देने की वजह से उसने हार मान ली। चैडविक को सदमा तब लगा जब उसे यह पता चला कि वह किनारे से सिर्फ आधा मील दूर रह गयी थी। उसने हार इसलिए नहीं थीं क्योंकि बाधाओं ने उसकी हिम्मत तोड़ दी थी , बल्कि इसलिए मान थी क्योंकि उसे अपना लक्ष्य कही नजर नहीं आ रहा था। वह किसी बाधा की वजह से नहीं रुकी। उसने कहा मैं बहाने नहीं बना रही हूँ। अगर मैंने किनारा देखा होता तो मैं जरूर कामयाब हो जाती।
दो महीने बाद , वह फिर वापिस गयी , उसने कैटलिन चैनल को पर किया। इस बार ख़राब मौसम के बावजूद उसने अपने लक्ष्य पर निगाह रखी , और वह न केवल सफल रही , बल्कि उसने पुरुषो के रिकार्ड को भी दो घंटे के समय से तोड़ा।
जीवन में लक्ष्य क्यों जरुरी है
WHY ARE GOALS IMPORTANT ?
तेज धुप और शक्तिशाली मैगनीफाइंग ग्लास के बावजूद कागज को आग तब तक नहीं पकड़ सकती जब तक आप ग्लास को हिलाते रहेंगे। अगर आप उसे थोड़ी देर स्थिरिता से पकड़कर प्रकाश को फोकस करेंगे , तो कागज आग पकड़ लेगा। ध्यान लगाने में ऐसी ताक़त होती है।
एक बार एक यात्री एक चौराहे पर रुका। उसने एक बुजुर्ग से पूछा , "यह सड़क मुझे कहाँ ले जाएगी ?" बुजुर्ग ने पलट कर पूछा , "तुम कहाँ जाना चाहते हो ?" उस यात्री ने कहा , " मैं नहीं जानता। " बुजुर्ग ने कहा , " तब कोई भी सड़क पकड़ लो। क्या फर्क पड़ेगा ? कितनी सही बात है ना।
क्या आप किसी ऐसी ट्रेन में , या बस में बैठेंगे , जिसके बारे में यह नहीं जानते हो कि वह कहाँ जा रही है ? हरगिज नहीं। लोग ऐसी बस या ट्रेन में तो नहीं बैठेंगे; फिर वे जिंदगी के सफर में बिना लक्ष्य के चलने को क्यों तैयार हो जाते है?
तो दोस्तों हमारे एक के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत ही जरुरी होता है , बिना लक्ष्य के हम अपनी जिंदगी को एक ऐसे रास्ते पर ले जाते है जहा जीवन जीने का कोई महत्त्व ही समझ में नहीं आता है।
उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह जानकारी अच्छी लगी होगी , और आप भी अपने जीवन को एक लक्ष्य प्रदान करेंगे। इसी शब्दों के साथ मैं अपनी लेखनी को विराम देता हूँ।
आप सभी को नमस्कार
सुनील :-