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Sunday, September 8, 2019

परमात्मा

परमात्मा  

लहरे तो आती जाती हैं,
इनका ना कोई हैं
अपनी क्या तू सोचता है रे बन्दे
तेरी किस्मत तो खोई है
ये संसार तो है एक भवसागर
तू डूबा इस सागर में
कितना भी तू हाथ पावं चलाये
जायेगा एक सफेद चादर में
एक ही कुंजी एक ही धाम
ले ले बन्दे बस एक नाम
है वो अल्लाह,है वो खुदा
है वो सबका प्यारा राम  

जीवन का सत्य
                                                                                                         













  कवि:-सुनील कुमार

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