समय
अरे मन तू फिर दुखी हो गया
अभी-अभी तो ठीक था तू
फिर अब क्या तुझे हो गया
क्या कुछ ऐसी बातें हो गयी
जो तेरे दिल में टाई सी गड़ गयी
बता क्यों तेरे इन आँखों में
पानी की बुँदे पड़ गयी
सोच में यूँ डूब गया तो फिर
क्या तू सोच पायेगा
समय न होता है किसी का
तू उसका क्या कर पायेगा
सुख-दुःख तो जीवन के हैं दो पहिये
ये तो आते जाएंगे दुःख का पहिया आगे लगा है
तो ये आगे आएगा ,
और फिर ख़ुशी के पल दिखलायेगा
अतः रे मन तू खुद को दुखी न कर
जा वापस तू अपने घर
जा वापस तू अपने घर
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