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Sunday, September 15, 2019

HOW TO BOOST YOUR SELF CONFIDENCE

आप अपने आत्मविस्वास को कैसे बढ़ाएँ ?


HOW TO BUILD YOUR SELF CONFIDENCE IN HINDI

दोस्तों अगर आप जीवन में सफलता चाहते हैं, तो आपके अंदर आत्मविश्वास का  होना बहुत ही जरुरी है। अगर आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है, तो आप किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते हैं। तो आइये दोस्तों हम बात करते हैं, कि हम अपने आत्मविश्वास को कैसे बढ़ा सकते हैं?

दोस्तों एक छोटी सी घटना से अपनी बात प्रारम्भ करता हूँ।  स्वामी विवेकानंद जी एक बार रेल में यात्रा कर रहे थे। एक भिखारी ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए उनसे भीख मांगी। पहले तो स्वामी जी मौन हो गए ,फिर दूसरी बार भिखारी ने कहा, मुझ पर दया करो।" दुबारा भीख मांगने परउनकी आँखों से आंसू टपकने लगे। तभी बगल वाले पड़ोसी ने पूछा श्रीमान क्या बात है ?"
विवेकानन्द जी कहा ,"इस अमीर आदमी द्वारा दयनीय जीवन जीने एवं भीख मांगने के कारण मुझे बहुत दुःख हो रहा है।"
इस पड़ोसी आदमी ने कहा, "अरे यह तो भीखमंगा है। आप इसे अमीर आदमी कैसे कह रहे हैं ?"
तब स्वामी जी ने भिखारी से पूछा, " क्या आप मुझे अपना बांया हाथ एक लाख रुपयों में बेचोगे ?" मैं खरीदना चाहता हूँ, रूपये अभी दूंगा। " भिखारी ने मना कर दिया।
"क्या दांया हाथ एक लाख रुपयों में दोगे ?"  भिखारी बोला नहीं। "
"क्या बायां पांव एक लाख में दोगे ?" भिखारी फिर बोला नहीं। "
"क्या दूसरा पांव दो लाख में दोगे ?" " नहीं यह बेचने के लिए नहीं है। "
"क्या एक आँख दो लाख में दोगे ?" यहाँ पर भी उत्तर नकारात्माक ही था।"
"दूसरी आँख के पांच लाख दूंगा। " "नहीं श्रीमान मैं इन्हे कैसे बेच सकता हूँ ?"
इस पर स्वामी जी ने कहा, बेच नहीं सकते लेकिन इनका उपयोग भीख  मांगने के लिए करते हो, क्या ये भीख
मांगने के उपयोग करने हेतु मिले हैं ? क्या तुम अब भी गरीब हो ? क्या तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है ?
जिसके पास इतना धन है उसे आप क्या कहेंगे ? भिखारी शर्मा कर वहां से चला गया। वह अपनी पूंजी, अपनी शक्तियों , अपनी योग्यताओं , अपनी क्षमताओं से अवगत नहीं था। अज्ञान ही नहीं अपितु आत्मविस्वास की कमीं के कारण भिखारी स्वयं के पास उपलब्ध स्रोतों का उपयोग नहीं जनता था।
क्या हम सब उस भिखारी की तरह जी रहे हैं  ? दुनिया का सबसे बड़ा सुपर कम्प्यूटर मस्तिष्क है। वह हम सबके पास है , फिर भी हम उसका उपयोग नहीं कर दयनीय जीवन जीते हैं। हम अक्सर भूल जाते हैं कि हमारे पास बहुत कुछ हैं, पर हम हमेशा जो नहीं है उसी कि चिंता में दुखी रहते है।  जबकि हर एक के पास हमारी अपनी क्षमताएं हैं, जिनका हमे उपयोग करना चाहिए। लेकिन होता ये है कि हम हमेशा दूसरे कि प्रतिभा के बारे   में ही सोचते रहते हैं, और अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हैं। यहाँ कोई भी प्रतिभाहीन नहीं है, ईश्वर ने हम सब में खूबियां भरी हैं, जरुरत है उन्हें निखारने की।
तो दोस्तों सफलता के रास्ते में बाधाएं तो अक्सर आती हैं, परन्तु जीतता वही है जो सोचता है कि उसे जितना चाहिए अथवा जिसमे आत्मविश्वास होता है।
आत्मविश्वास का अर्थ क्या होता है ? दोस्तों आत्मविश्वास शब्द दो शब्दों के जोड़ से बना है। स्वस धातु के आगे वि उपसर्ग लगाने से विस्वास शब्द बनता है, स्वस का अर्थ स्वास लेना होता है, वि अर्थात विशेष रूप से, शांति से, संतुलित रूप से स्वास लेना है। स्वास की गति हमारी भावनाओँ पर आधारित है , गुस्से में हों तो तेज गति व शांत हों तो गति धीमी होती है, अर्थात जब आप विशिष्ट स्वास लेते हैं। इसके आगे आत्म अर्थात स्वयं का उपसर्ग जोड़ते है। इससे परिलिक्षित होता है कि स्वास इस तरह लेना कि स्वयं में आ जाये।  यह है आत्मविश्वास का अर्थ है।
आत्मविश्वास सफलता की जननी है। सफलता आत्मविश्वास कि गोद में पलती है। आत्मविश्वास सफलता को पाने का सबसे बड़ा मंत्र है। सफलता की पहल करने तथा सफलता का सपना देखने के लिए आत्मविश्वास जरुरी है।
किसी भी प्रकार कि सफलता आत्मविश्वास के अभाव में पूरी नहीं की जा सकती है। सभी सफल लोग आत्मविश्वास से भरे होते हैं। आत्मविश्वास से दूर की मंजिल आसान बन जाती है। 

 लाल बहादुर शास्त्री गरीबी में पले। गंगा तैर कर स्कूल जाते थे, विदेश यात्रा के समय पहनने के लिए कोट नहीं था, मित्र से मांग कर लाये , १८  माह तक भारत जैसे विशाल देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहे। उनकी सबसे बड़ी संपत्ति क्या थी ? उनका अपना आत्मविश्वास। 

एक मोची का बेटा जो ठिगने कद के कारण सेना में भर्ती भी नहीं हो सकता,  वह फ़्रांस की सेना का सेनापति बन जाता है। कुछ समय के बाद वह फ़्रांस का सम्राट बन जाता है, वह जिस शक्ति के सहारे बनता है, उसका नाम है आत्मविश्वास। दोस्तों जानते है वह सम्राट कौन था ? नेपोलियन। जिसने घोषणा की थी कि असंभव शब्द मेरे शब्कोष में नहीं है। 

तो दोस्तों मै आप लोगो से यही कहना चाहता हूँ कि आप खुद पर आत्मविश्वास रखें, कभी भी जीवन में नकारात्मक भाव न लाये, हमेशा सकारात्मक ही रहे, इससे आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है, आप अपना प्रयास जारी रखे, किसी के कहने में न आये, लोगो का काम ही होता है कहना।
उम्मीद करता हूँ दोस्तों मेरा ये लेख आप सभी लोगो लो जरूर पसंद आया होगा, और मेरे इस ब्लॉग पर आने के लिए आप लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया। 


सुनील कुमार:-






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